ज्ञान वैराग्य के अभाव में भक्ति अधूरी है । नारायणानंद जी गाडरवारा । अनंत श्री विभूषित श्री काशी धर्म पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य श्री नारायणानंद तीर्थ जी महाराज की नवरात्रि के पावन अवसर पर स्थानीय जवाहर कृषि उपज मंडी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस उपस्थित भक्तों को बताया कि समस्त कर्मों के मूल में इच्छा होती है इच्छा के मूल में ज्ञान । यदि हमारा ज्ञान शुद्ध होगा तो इच्छा भी शुद्ध होगी और कर्म भी शुद्ध होगी । हमारी समझ जितनी भी पवित्र होगी उतनी पवित्र इच्छा हमारे जीवन में आएगी और जितनी पवित्र इच्छा होगी उतने ही पवित्र कर्म हमारे जीवन में आएंगे । चरित्र की पवित्रता के लिए भाव की पवित्रता चाहिए तथा भाव की पवित्रता के लिए ज्ञान की पवित्रता चाहिए । हमारे जीवन को सच्चितानंद बना देने के लिए श्रीमद् भागवत का अवतरण हुआ ऐसा जीवन जिसमें ज्ञान, भक्ति और धर्म का समन्वय हो । कोई भी कार्य करने से पहले अपने चित्त में सम्यक कल्पना करना चाहिए कि भगवान सबके हृदय में बैठे हुए हैं उनका स्मरण करने के पश्चात ही किसी कार्य की शुरुवात करनी चाहिए । सबके हृदय में बैठे हुए भगवान के प्रति हमारे हृदय में प्रीति विशिष्ट सेवा का भाव उदय हो यही भक्ति का उद्देश्य है । हम जिस भी जाति के हो परंतु हमारे हृदय में भगवान विराजमान है । श्रीमद् भागवत में लोकमंगल है । नारद जी तीर्थ यात्रा करते हैं उन्हें सभी जगह बुराचार देखने को मिला परंतु वृंदावन पहुंचे तो वहां उन्हें भक्ति मिली फिर भी वह प्रसन्न नहीं थे । भक्ति के ह्रदय में आनंद नहीं छलक रहा था यह वही भक्ति है जो हमारे सभी के ह्रदय में रहती है । महाराज जी ने कहा कि ज्ञान वैराग्य के आभाव में भक्ति अधूरी है । ज्ञान वैराग्य को जागृत करने के लिए शनकादी ऋषियों ने नारद जी को श्रीमद् भागवत का श्रवण कराया था जिससे भक्ति ज्ञान वैराग्य सहित उत्पन्न हो गई । कथा के पूर्व श्री धर्म पीठाधीश्वर महाराज जी की पादुका पूजन कुंवर राव शैलेश सिंह, अजय दीक्षित एवं अमीकांत शर्मा द्वारा की गई । इस दौरान पंडित आशुतोष तिवारी एवं हिमांशु शुक्ला द्वारा विधिवत वेद मंत्रों का उच्चारण किया । श्रीमद् भागवत शास्त्र संपूर्ण विश्व को सच्चितानंद प्रदान करने के लिए है ।आइए इस पावन अवसर पर पहुंचकर अपने जीवन को पुण्यशाली बनाकर सच्चितानंद प्राप्त करें । उक्त श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस बड़ी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे ।
कृषि उपज मंडी में श्रीमद्भागवत का शुभारंभ हुआ ।